Tuesday 7 April 2015

आखिर हिटलर का क्या हुआ, पूरी दुनिया जानती है

आखिर हिटलर का क्या हुआ, पूरी दुनिया जानती है...
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जब वे आधार वर्ष को बदलकर बनाए गए फर्जी आंकड़ों के सहारे चीन को विकास दर में पछाड़ने के अन्धोन्माद से ग्रस्त हैं, तो उन्हें सदस्यता के मामले में भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को पछाड़ना ही था-- भले ही यह कारनामा भी फर्जी सदस्यता के जरिये हो, भले ही उनको अपनी 10 नम्बरी पार्टी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के शिखर नेतृत्व को भी फर्जी सदस्यता देनी पड़ी हो. लेकिन अब वे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. वे अब अपने आपको दुनिया की सबसे बड़ी 'दंगाई पार्टी' भी कह सकते हैं, क्योंकि दुनिया में शायद ही ऐसी कोई राजनैतिक पार्टी हो, जिसने बाबरी मस्जिद-जैसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति वाले धार्मिक स्थल को ढहाने, गुजरात दंगे-जैसे विध्वंस रचकर कथित 'विदेशी' अल्पसंख्यकों को 'चंगा' करने तथा संविधान को ही धता बताने का इतना बड़ा काम अपने देश में किया हो!! इनमें से है ऐसा कोई काम, जिसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने किया हो? सो दुनिया की सबसे बड़ी 'दंगाई पार्टी' को बधाई मिलने का हक तो बनता ही है. सो बधाई भाजपा को, ढेरों-ढेरों बधाई!!!
अब यह आशा तो की ही जा सकती है कि इस देश में 'विकास' की पैदावार जबरदस्त होगी. इस पार्टी के 10 करोड़ शूरमा मोदी महाराज के बताये रास्ते पर ही चलेंगे-- अब वे अपने गैस सिलिंडर की सब्सिडी का त्याग कर देंगे, परिधान मंत्री को बार-बार इसकी अपील करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आज से 10 करोड़ लोग इस देश के विकास के लिए अपनी जमीन का छोटा-मोटा टुकड़ा भी कारपोरेटों को दान कर देंगे-- बिना किसी मुआवजा, पुनर्वास की आशा के!! जब इस देश के दस करोड़ लोग बाज़ार में महँगी सब्जी या सामान खरीद रहे होंगे, तो उन्हें 'अच्छे दिनों' का सुखद अहसास हो रहा होगा, इतना कि देश का रोम-रोम पुलकित हो 'वन्देमातरम' की धुन पर थिरकने लगेगा.
लेकिन ये दस करोड़ी फ़ौज अपनी 'दंगाई पार्टी' कहने पर अपनी गैस सब्सिडी, अपनी जमीन, अपनी खेती-बाड़ी छोड़ने के लिए तैयार हो जायेगी? कहीं ऐसा न हो कि ये 'फ़ौज' किसी 'टुकड़ी' में बदल जाएं!! 10 करोड़ तो क्या, 10 हज़ार भी न दिखे!!! आखिर हिटलर का क्या हुआ, पूरी दुनिया जानती है.

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