Sunday 9 August 2015

दिवाली का उपहार किसे?

जो अंबानी आज भी विदेशों में 2 डॉलर प्रति इकाई की दर से गैस निकाल रहा है, उसके लिए हमारे देश में ही गैस निकालने के लिए फेंकू सरकार देगी लगभग 6 डॉलर प्रति इकाई. इससे खाद के भाव में 2000 रूपये प्रति टन की वृद्धि हो जाएगी. तो संघी सरकार दीवाली का उपहार किसे दे रही है....पूंजीपतियों को या किसानों को?
पेट्रोल की तरह ही डीजल को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया है. रिलायंस के बंद पंप खुल गए हैं. तो संघी सरकार दीवाली का बोनस किसे दे रही है....कार्पोरेटों को या आम जनता को?
ब्रिटिश राज की तरह अब फेंकू राज में भी पूजीपति मजदूरों को कभी भी काम पर रख-निकल सकते हैं, हवा-हवाई हो गए काम के 8 घंटों और न्यूनतम मजदूरी के प्रावधान. तो संघी सरकार किसका भला चाहती है...उद्योगपतियों का या मजदूरों का?
किसानों, मजदूरों और आम जनता को तबाह करके देश का ' विकास ' करने के इस दर्शन के बारे में अंध-भक्त हम लोगों को कुछ समझायेंगे ?

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