Sunday 9 August 2015

'इस्लाम' के नाम पर हैवानियत...

ईंट भट्टे पर काम करने वाले शहजाद और उसकी बीबी शमा को ईंट भट्टे में ही जिंदा जला दिया गया. उसने केवल यही जुर्म किया था कि अपने भट्टे के मालिक यूसुफ़ से अपनी मजदूरी मांग रहा था और इससे बचने के लिए उसने इस दंपत्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगा दिया. यह निंदनीय खबर पाकिस्तान से आई है.
चाहे भारत हो या पाकिस्तान, या फिर दुनिया का कोई भी देश, धर्म हमेशा गरीबों को लूटने के लिए लूटेरों के हाथ का सबसे बड़ा हथियार होता है.इस देश में मंदिरों और मस्जिदों की आवाज़ टकराकर दंगे करवाती है, इसलिए कि आम आदमी अपनी रोजी-रोटी की समस्याओं पर संगठित न हो सकें. पाकिस्तान में ईश-निंदा का कानून है गरीबों को बांटने-तोड़ने के लिए. लोगों को बंधक रखो, मजदूरी हड़पो, बेचारा ईश्वर-अल्लाह कुछ नहीं बोलेगा. लेकिन अपना हक मांगकर देखो, मजदूरी के बारे में बात करो, भगवान-खुदा के बन्दे तुरंत सक्रिय हो जायेंगे. फिर ईश-निंदा का आरोप भी लगेगा, ताकि आपसे जिंदा रहने का अधिकार ही छीन लिया जाएं, केवल इसलिए कि अंतहीन शोषण की सच्चाई को दफना दिया जाएँ. ऐसे लोग भी दंगाइयों से कम खतरनाक नहीं होते.
धर्म की किताबों में शोषण करने की बात भले ही न की गई हो, लेकिन सच्चाई यही है कि धर्म के ठेकेदारों ने इसका उपयोग केवल अपने स्वार्थ-पूर्ति के लिए ही किया है और सर्वशक्तिमान ' ईश्वर-अल्लाह ' न इसको रोक पाया और न ही इनका कुछ बिगाड़ पाया.
इस देश की हिन्दू कट्टरपंथी ताकतें भी यही चाहती है कि भारत को ' हिन्दू-राष्ट्र ' बनाकर पाकिस्तान-जैसा ही एक ' बर्बर राज्य ' बना दिया जाएं. ...क्या ऐसा संभव होगा ?

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