Sunday 9 August 2015

गांधी हम शर्मिंदा हैं, तेरे क़ातिल जिंदा हैं....


फेंकू महाराज पर फेसबुक पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी और फोटो पोस्ट करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में डॉ. राजेश यादव नामक एक व्यक्ति के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज की गई है. संघी गिरोह की यह कोई पहली हरकत नहीं है. इसके पहले भी कई जगहों पर मोदी के बारे में पोस्ट करने पर मोदिया-बिंद से ग्रस्त लोगों ने हंगामा किया है. ऐसी ही हरकत बंगाल में ममता बेनर्जी भी कर चुकी है. यह राजनैतिक असहिष्णुता का उदहारण है, जो अपनी सत्ता-ताकत के बल पर आम जनता की लोकतांत्रिक अभिव्यक्तियों को भी छीन लेना चाहती हैं. फेसबुक का उपयोग करने वाले सभी लोगों को इसकी तीखी निंदा करनी चाहिए.
संघी गिरोह और फेंकू महाराज में इतना साहस होना चाहिए कि यदि वे सार्वजनिक जीवन जी रहे हैं, तो सार्वजनिक आलोचना का भी सामना करने की हिम्मत रखें. लेकिन ऐसी हिम्मत उनमें कहां? ये वहीँ लोग हैं, जिनकी धार्मिक भावनाएं बात-बेबात आहत होते रहती हैं; ये वहीँ लोग हैं, जो फेसबुक का उपयोग अपने घृणित सांप्रदायिक-नस्लीय विचारों के प्रचार के लिए कर रहे हैं; जो खुले-आम ना केवल महात्मा गाँधी की हत्या को जायज ठहराते हैं, बल्कि उनके कमेंट ' राष्ट्रपिता ' के लिए मां-बहन की गालियों से भरे हुए हैं. ना मोदी की सरकार में और ना ही रमन की सरकार में इतनी हिम्मत कि ऐसे 'असभ्य ' लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही कर सकें. असल में यह पूरा घृणा अभियान ही सरकारी संरक्षण में संघी गिरोह द्वारा चलाया जा रहा है.
फेंकू महाराज, थोड़ा शर्म करो कि जिस गाँधी के नाम पर अपनी राजनीति भुनाने में लगे हो, उसी गाँधी के साथ संघी गिरोह क्या कर रहा है? या तो तुम गाँधी के हो सकते हो, याफिर उनके हत्यारों के !! ....और सभी जानते हैं कि तुम भी उन्हीं हत्यारों के वंश-वृक्ष पर लगे एक फल हो...!!!!

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