Sunday 9 August 2015

कांग्रेस-भाजपा के राज में विकास किसका हुआ है ?

मानव विकास सूचकांक शिक्षा , स्वास्थ्य, प्रति व्यक्ति आय , जीवन-स्तर , पर्यावरण तथा लैंगिक समानता जैसे कारकों के आधार पर तैयार की जाती है और इन पैमानों पर भारत का स्थान १८७ देशों में १३६ वां है. विश्व दासता सूचकांक के अनुसार भारत बंधुआ मजदूरों का सबसे बड़ा देश है. जब बेहतर जीवन के लिए आवश्यक न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं से ही देश की आम जनता वंचित है,तो उसके जीवन में खुशहाली कहाँ से आयेगी? यही कारण है कि विश्व खुशहाली सूचकांक के आधार पर १४२ देशों की सूची में पिछले वर्ष भारत का स्थान १०१वां था, तो इस वर्ष २०१३ में १०६ वा रह गया. स्पष्ट है कि बढ़ती महंगाई,खस्ताहाल अर्थव्यवस्था,रोजगार वंचना, निजी स्वतंत्रता के हनन , सामाजिक असुरक्षा -- तथा इन सबके चलते उसके गिरते जीवन-स्तर ने आम आदमी की खुशहाली को पूरी तरह से छीन लिया है. तो कांग्रेस-भाजपा के राज में विकास किसका हुआ है और खुशहाल कौन है? वैश्वीकरण - उदारीकरण - निजीकरण के पैरोकार इसका जवाब देंगे? जवाब भी स्पष्ट है. डॉलर अरबपतियों की सूची में भारत का स्थान ५वा है. इन अरबपतियों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है. इन डॉलर अरबपतियों व रूपया खरबपतियों के पास पिछले २० सालों में देश के सकल घरेलू उत्पाद का हिस्सा 2 प्रतिशत से बढ़कर २५ प्रतिशत तक हो गया है. तो इन नीतियों ने आम जनता से उसकी मेहनत को छीनकर चंद लोगों की तिजोरियों को ही भरने का काम किया है. कांग्रेस शासित भारत हो या भाजपा शासित राज्य -- सब जगह आर्थिक असमानता की भयंकर खाई दिखाई देगी . वैश्वीकरण - उदारीकरण - निजीकरण की नीतियों से जो बंटाधारहोना था, वही हुआ . कांग्रेस-भाजपा के पास है इसका कोई जवाब ???

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