Saturday 25 July 2015

यह कैसा पोरिबर्तन....???


--- कुनाल घोष, तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद.
--- अहमद हसन इमरान, तृणमूल के राज्यसभा सांसद और पत्रकार.
--- श्यामपद मुखर्जी, पश्चिम बंगाल के कपडा मंत्री.
--- मदन मित्र, खेल मंत्री.
--- बापी करीम, मित्र के पूर्व पीए.
--- मुकुल रॉय, तृणमूल महासचिव.
--- रजत मजुमदार, तृणमूल उपाध्यक्ष व सशस्त्र पुलिस के पूर्व डायरेक्टर.
--- देवव्रत सरकार, ईस्ट बंगाल क्लब का एक अधिकारी.
--- संधीर अग्रवाल, एक व्यापारी.
--- सुदीप्त सेन, शारदा ग्रुप के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर.
तो दोस्तों, इस लिस्ट में नेता भी है, अधिकारी भी हैं, व्यापारी भी हैं. अब अभिनेता भी शामिल हो चुके है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी तक आग की लपटें पहुँचने लगी है. ये शारदा चिट फण्ड घोटालों में शामिल महानुभावों की लिस्ट है, जिन्होंने मिलकर अपनी लूट की क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और बंगाल के 17 लाख गरीबों सहित ओड़िशा, झारखण्ड और असम के लोगों को भी नहीं छोडा है.
25000 करोड़ रुपयों से ज्यादा का यह घोटाला है. वर्ष 2011 में ही यह घोटाला उजागर हो चुका था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही इस घोटाले की सीबीआई जांच शुरू हो पाई.अभी तक सीबीआई को इस घोटाले से संबंधित पूरे रिकॉर्ड राज्य सरकार से नहीं मिले हैं, तो इसका कारण आसानी से समझा जा सकता है.
लेकिन घोटाला केवल गरीबों के धन-हड़प तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार आतंकी संगठन ज़मात-उल-मुजाहिदीन से भी जुड़ गए हैं, जिसे शारदा द्वारा फाइनेंस किया जा रहा था बांग्लादेश की सरकार की अस्थिर करने के लिए. आज तक भारत आरोप लगता था कि उसके खिलाफ आतंकी संगठनों को मदद दी जाती है, आज बंगदेश आरोप लगा रहा है कि उसकी जमीन का उपयोग बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ हो रहा है और भारत का सिर शर्म से झुका हुआ है.
पश्चिम बंगाल में 1977 के बाद से लगातार 35 सालों तक वामपंथी शासन रहा है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर कोई घोटाला नहीं हुआ. किसी घोटाले में कोई मंत्री आज तक शामिल नहीं पाया गया.बंगाल साम्प्रदायिक सद्भाव का गढ़ बना रहा. कृषि के क्षेत्र में उसने अभूतपूर्व प्रगति की, क्योकि भूमि सुधारों को बुनियाद पर यह प्रगति टिकी हुई थी. मानव विकास संकेतकों पर इसकी प्रगति पर अंतर्राष्ट्रीय शोध हुए. लेकिन आज का बंगाल...!!! ये कैसा पोरिबर्तन (परिवर्तन)...???

No comments:

Post a Comment